हमारी दुनिया में मानवाधिकारों के उल्लंघनों में सबसे व्यापक और विनाशकारी है- महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा। आज भी बड़े पैमाने पर चुप्पी, कलंक और शर्म के कारण ये रिपोर्ट नहीं की जाती है।
1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए जारी अपने घोषणापत्र में इसे परिभाषित करते हुए लिखा था कि, “किसी भी प्रकार की लिंग आधारित हिंसा जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं को शारीरिक, यौन या मनोवैज्ञानिक नुकसान या पीड़ा होने की संभावना है। जिसमें सार्वजनिक या निजी जीवन में इस तरह के कृत्यों की धमकी, जबरदस्ती या मनमाने ढंग से स्वतंत्रता से वंचित करना शामिल है।"
कुछ महीनें पहले ही राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2020 जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलो में 2019 की तुलना में 8.3% की गिरावट देखी गई। इस वर्ष महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे अधिक घरेलू हिंसा के मामले हैं। देश भर में घरेलू हिंसा के 1.1 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए, जिसमें पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 19,962 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 14,454 मामले और राजस्थान में 13,765 मामले हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि ये संख्या वास्तविकता का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती। उन्होंने बताया कि सभी डीजीपी के साथ हुई बैठक में उन्होंने ये पाया कि पुलिस के पास कम मामले दर्ज थे, लेकिन एनसीडब्ल्यू को पिछले साल की तुलना में ज्यादा शिकायतें मिलीं जो लॉकडाउन से प्रभावित नहीं थीं. साथ ही उनका कहना था कि महिलाएं शायद लॉकडाउन के चलते थाने नहीं जा पा रही थीं और पुलिस की मदद नहीं ले रही थीं।
दरसल संकट के समय में ऐसे मामलों की संख्या बढ़ती है। जैसा कि कोविड-19 महामारी और हाल के मानवीय संकटों, संघर्षों और जलवायु आपदाओं के दौरान देखा गया है। 13 देशों के आंकड़ों के आधार पर यूएन वूमेन ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार हर 3 में से 2 महिलाओं ने बताया कि उन्होंने या उनकी किसी पहचान की महिला ने कोविड-19 महामारी के दौरान किसी न किसी रूप में हिंसा का अनुभव किया है । ऐसी स्थिति में 10 में से केवल 1 महिला ने कहा कि पीड़िता मदद के लिए पुलिस के पास जाएगी। साथ ही ये बात भी सामने आई है की आपदाओं के समय महिलाओं के खाद्य असुरक्षा का सामना करने की अधिक संभावना होती है।
इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल अंतराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस का आयोजन 25 नवंबर को किया जाता है। इस वर्ष की थीम "ऑरेंज द वर्ल्ड: एंड वायलेंस अगेंस्ट वूमेन नाउ!" है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा से मुक्त एक उज्ज्वल भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए नारंगी रंग का चयन किया गया है। कई सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और हिंसा मुक्त भविष्य की आवश्यकता को याद करने के लिए प्रतिष्ठित इमारतों और स्थलों को 'नारंगी' स्वरूप प्रदान किया जाएगा।आईए सब मिलकर इस नारंगी आंदोलन का हिस्सा बनें!
Image credit- "Orange the World 2019 - UNHQ - official commemoration of the International Day for the Elimination of Violence against Women" by UN Women Gallery is licensed under CC BY-NC-ND 2.0
Write a comment ...